Bharat Ki Jansankhya Kitni Hai | Population of India in 2023 | भारत की जनसंख्या कितनी है | Kitni hai Hindustan ki Aabadi | India’s Population in 2023
नमस्कार दोस्तों आज के लेख में हम आपको अपने देश से जुडी एक बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में बताने जा रहें है , आज हम आपको बताएंगे “Bharat Ki Jansankhya Kitni Hai 2023” जैसा कि हम सब जानते हैं प्रत्येक देश की पूंजी वहां रहने वाले लोग होते हैं, जिन्हें जनसमूह कहा जाता है। इन्हीं जनसमूह की गिनती को जनसंख्या कहा जाता है।
प्रत्येक देश के लिए यह जनसंख्या गणना काफी जरूरी होती है जिससे यह पता चलता है कि देश में उपलब्ध संसाधन जन समूह तक सुचारू रूप से पहुंचते रहे। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार भी हर 10 वर्ष के अंतराल में जनसंख्या गणना करती है, जिससे हम जान पाते हैं की “Bharat Ki Jansankhya Kitni Hai 2023” या कहें तो “India Population in 2023”
Bharat Ki Jansankhya Kitni Hai- भारत की जनसंख्या कितनी है ?
1950 से लेकर 2011 तक हर 10 साल के अंतराल में या जनसंख्या की गणना (Population Enumeration) की जाती रही है। साल 2021 में जनसंख्या गणना होनी थी परंतु कोरोना के चलते यह गणना नहीं हो पाई परंतु साल 2023 में इस जनसंख्या गणना के आंकड़े लगभग आ गए हैं जिससे यह तय हो गया है की (Bharat Ki Jansankhya Kitni Hai 2023?) कि भारत की जनसंख्या 140 करोड़ के पास पहुंच गई है । भारत दुनिया भर में जनसंख्या की दृष्टि से सबसे अव्वल देश बन गया है और चीन पहले अंक से सरक का दूसरे स्थान पर आ गया है ।
Population Of India in 2023
यूनाइटेड नेशंस के आंकड़ों की माने तो साल 2023 के अंत तक यह जनसंख्या और बढ़ जाएगी और साल 2050 तक भारत की जनसंख्या 1.70अरब पर पहुंच जाएगी। भारत में सबसे पहली जनगणना 1872 में की गई थी । यह ब्रिटिशर्स ने करवाई थी, इसके पश्चात भारत सरकार ने प्रत्येक 10 वर्ष के अंतराल में जनगणना करने की प्रक्रिया को जारी रखा था ।
भारत सरकार द्वारा पहली जनगणना आजादी के पश्चात 1951 में हुई थी भारत की जनसंख्या 1951 से 2023 तक का डाटा
1951 | 361088090 |
1961 | 438936918 |
1971 | 548160050 |
1981 | 683329900 |
1991 | 838583988 |
2001 | 1028737436 |
2011 | 1390572936 |
2022 | 1412644054 |
2023 | 1419385389 |
बढ़ती जनसंख्या का कारण (cause of increasing population)
Bharat Ki Jansankhya Kitni Hai 2023: भारत की इस बढ़ती जनसंख्या से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले कुछ और सालों में भारत की जनसंख्या वृद्धि काफी बढ़ जाएगी परंतु इसका यह अर्थ नहीं है कि देश में प्रजनन की प्रतिशत बढ़ी है , जानकरी के लिए बता दें इसके उलट देश में प्रजनन दर (fertility rate) में काफी कमी आई है। हालांकि देखा जाए तो प्रजनन दर 2.1% से भी कम हो गया है । जानकारों का कहना है कि प्रजनन दर की कमी लंबी अवधि में जनसंख्या को स्थिर करने के लिए काफी बेहतर घटक साबित हो सकती है । हालांकि प्रजनन दर में दुनिया भर में गिरावट देखने को मिल रही है परंतु इसका सबसे ज्यादा फायदा लंबे समय में भारत को देखने में मिलेगा क्योंकि यहां प्रजनन दर की कमी की वजह से अगले कुछ सालों तक जनसंख्या स्थिर रहेगी ।
जानकारों का कहना है कि जनसंख्या बढ़ने का कारण नवजात शिशुओं के मृत्यु दर में कमी आना है। जैसा कुछ समय पहले कुपोषण या गर्भावस्था के समय लापरवाही की वजह से नवजात शिशुओं की मृत्यु दर काफी ज्यादा होती थी परंतु पिछले कुछ वर्षों से नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में कमी आई है । वहीं 5 साल के बच्चों के मृत्यु दर में भी काफी गिरावट देखने को मिली है इसीलिए प्रजनन दर में गिरावट के चलते भी भारत में जनसंख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।
एक्सपर्ट का मानना है कि साल 2060- 65 तक भारत की जनसंख्या अपने चरम पर पहुंच जाएगी और इसके पश्चात उस में गिरावट आनी शुरू होगी। हालांकि ध्यान देने वाली बात यह है कि हमारे देश में अधिक जनसंख्या युवाओं की है।ऐसे में यह अपने आप में एक बड़ा फायदे वाला घटक माना जा रहा है ,क्योंकि देश में युवाओं की जनसंख्या अधिक होना उस देश में वर्क फोर्स और ह्यूमन रिसोर्स की अधिकता दिखाता है जिससे कि देश में समय के साथ और अधिक तरक्की का अंदेशा भी लगाया जा रहा है।
भारत की जनसंख्या से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य (India Ki Jansankhya Kitni Hai 2023)
- भारत की कुल जनसंख्या में करीबन 68% जनसंख्या 15 से 64 वर्ष की आयु की है।
- 26% हिस्सेदारी 10 से 24 वर्ष के आयु की है।
- 25% हिस्सेदारी नवजात से 14 वर्ष के लोगों की है ।
- 18% हिस्सेदारी 10 से 19 साल के आयु की है ।
- वहीं 7% हिस्सेदारी 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की है ।
- भारत में लाइफ एक्सपेक्टेंसी भी बढ़ गई है जहां भारत में एक पुरुष के जिले की संभावना 71 वर्ष हो गई है वही एक महिला के जीने की 74 साल संभावना बढ़ गई है।
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क्या कहता है UNO?
United Nations Organization की रिसर्च के अनुसार भारत में जनसंख्या में सबसे बड़ा योगदान युवाओं का है, इस जनसंख्या के पूरे आंकड़े में 254 मिलियन 15 से 24 आयु वर्ग के युवा हैं। जैसा कि हम सब जानते हैं किसी भी देश की तरक्की उसके युवाओं के योगदान से ही संभव हो सकती है। देश की यूथ देश को नए विचार की ओर मोड़ सकती है तथा देश में शिक्षा स्तर के डेवलपमेंट ,रोजगार के अवसर ,डिजिटल अपॉर्चुनिटी इत्यादि को बढ़ावा दे सकती है । देश की यूथ ही वह घटक होती है जो देश को इकोनामिक ग्रोथ में सपोर्ट करती है क्योंकि इकोनामी का अर्थ ही अर्जित करना है। जहाँ देश में काम करने वाले युवकों की संख्या अधिक है ऐसे में यह माना जा रहा है कि यह युवा जनसंख्या ही देश को बेहतर आर्थिक स्तर पर पहुंचा सकती है ।
united nations की माने तो युवाओं की जनसंख्या देश को आर्थिक विकास की ओर बढ़ा सकती है जिससे देश में वर्कफोर्स और बेहतर होगी और इकोनॉमिकल तरीके से देश और तरक्की करेगा।
भारत की जनसंख्या कितनी है? | Bharat Ki Jansankhya Kitni Hai 2023
आइये साल 2023 में भारत में धर्म के अनुसार जनसंख्या पर एक नजर डालते हैं
हिंदू | 79.8% |
सिख | 1.7% |
बौद्ध | 0.7 % |
इस्लाम | 14. 2% |
जैन | 0.4 % |
अन्य धर्म अपनाने वाले | 0.15% |
आदिवासी | 4. 5% |
यहूदी पारसी बहाई धर्म | 0.15% |
जनसंख्या की दृष्टि से शीर्ष 10 शहर (Top 10 cities by population)
शहरों के आधार पर यदि जनसंख्या देखें तो सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर मुंबई है।
इसके पश्चात दिल्ली ,बेंगलुरु ,कोलकाता, चेन्नई अहमदाबाद, हैदराबाद, पुणे ,सूरत और कानपुर क्रमानुसार है।
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जनसंख्या की दृष्टि से क्रमवार राज्य (States ranked by population)
वहीं राज्य के अनुसार यदि जनसंख्या देखे तो सबसे शीर्ष पर उत्तर प्रदेश है। उसके पश्चात पश्चिम बंगाल, बिहार ,महाराष्ट्र ,तमिलनाडु, मध्य प्रदेश ,कर्नाटक ,गुजरात ,आंध्र प्रदेश, राजस्थान तेलंगाना ,केरला ,झारखंड ,असम, पंजाब ,उड़ीसा ,जम्मू कश्मीर ,छत्तीसगढ़ ,हरियाणा ,हिमाचल प्रदेश ,त्रिपुरा ,उत्तराखंड ,मणिपुर, गोवा ,नागालैंड, मेघालय ,सिक्किम ,मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश क्रमवार तरीके से हैं।
निष्कर्ष: Bharat Ki Jansankhya Kitni Hai 2023
इस प्रकार भारत साल 2023 में जनसंख्या की दृष्टि से सबसे शीर्ष राष्ट्र बन गया है। परंतु हमारे लिए यह भी जानना जरूरी है की बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ-साथ भारत की जनसंख्या में युवाओं का प्रतिशत अधिक है, ऐसे में हम चाहें तो इस बढ़ती हुई जनसंख्या को हम देश के कल्याण के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि देश में फिलहाल काम करने वाले युवाओं की जनसंख्या अधिक और निर्भर वयस्कों की जनसंख्या तुलनात्मक रूप से कम है जिससे यह पता चलता है कि देश तरक्की के मार्ग पर है।