Indian Space Research Organisation ISRO ने हाल ही में chandrayaan-3 मिशन को पूरा कर लिया है। भारत के चंद्रायन-3 ने इतिहास रचते हुए चांद के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग कर ली है । चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग करने वाला भारत सबसे पहला देश बन गया है और इसका जश्न पूरे देश में मनाया जा रहा है। जैसा कि हम सब जानते हैं इसरो ने chandrayaan mission के इस दूसरे कोशिश में सफलता पाई है। इसके पहले chandrayaan-2 mission, hard landingकी वजह से सफल नहीं हो पाया था परंतु 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान 3 ने चंद्रमा के दक्षिणी पल पर शॉप लैंडिंग कर इतिहास रच दिया है।
चंद्रयान 3 की सफलता का रहस्य
जानकारी के लिए बता दें इसरो ने chandrayaan-3 में 80% बदलाव किए थे, जो chandrayaan-2 में शामिल नहीं थे । chandrayaan 2 उतरते समय केवल ऊंचाई को देख रहा था परंतु अब chandrayaan-3 में इसमें वेलोसिटी को भी जोड़ा गया जिससे ऊंचाई के साथ-साथ width का भी पता चलेगा और chandrayaan 3 खुद को नियंत्रित कर पाएगा। इस प्रकार chandrayaan-2 की तुलना में chandrayaan-3 और बेहतर बनाया गया था जिसकी वजह से यह सॉफ्ट लैंडिंग संभव हो पाई।
chandrayaan 3 इसरो का एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है जो भारतीय अनुसंधान केंद्र ने एक विशेष लक्ष्य से शुरू किया है। chandrayaan -3 Mission चंद्रमा की भूमि को बेहतर अध्ययन के लिए शुरू किया गया है । चंद्रयान-3 के अंतर्गत चंद्रमा के अध्ययन को एक नई दृष्टि से देखा जाएगा तथा साथ ही साथ chandrayaan -3 नई तकनीक से लैस होने की वजह से यह प्रोजेक्ट अधिक सफल बनने की संभावना बताई जा रही है । आज के इस ऐतिहासिक पल में चंद्रयान-3 ने भारत का झंडा चंद्रमा के साउथ पोल पर लहरा दिया है और चांद के दक्षिणी पोल की तस्वीर भी भेज दी गई है।
साउथ लैंडिंग पॉइंट का नाम शिव शक्ति पॉइंट
चंद्रयान 3 ने चंद्रमा के जी दक्षिणी पल पर लैंड किया है उसे अब शिव शक्ति पॉइंट नाम से जाना जाएगा यह शिव शक्ति पॉइंट चंद्रमा पर भारत की शॉप लैंडिंग की कामयाबी को दर्शाएगा तथा साथ ही साथ चंद्रमा के इस दक्षिणी पल के रहस्य भारत के साथ साझा करेगा चंद्रयान-3 के मिशन की बात करें तो चंद्रयान-3 में चंद्रमा की नए एंगल से नई तस्वीर वैज्ञानिकों को भेजी है ,जिससे कि चंद्रमा पर कई समय से कैद रहस्यों के बारे में अब लोगों को पता चलेगा और वैज्ञानिक अनुसंधानकर्ता चंद्रमा के इस विभिन्न पहलू को जानने में सक्षम हो पाएंगे । इसके साथ ही पर अभी कई रहस्य में दक्षिण पोल में छिपे हुए हैं जिनके बारे में अब तक वैज्ञानिकों को नहीं पता है । चंद्रयान-3 इन सारे रहस्यों से जल्द ही पर्दा उठाने वाला है।
उठेंगे कई राज से पर्दे
माना जा रहा है कि चंद्रयान-3 के माध्यम से भौतिक विज्ञान और जैविक विज्ञान के नए द्वार खुलेंगे जिससे लोगों को चंद्रमा के बारे में और ज्यादा पता चलेगा । चंद्रयान-3 मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च होने पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र में उत्सव वाला माहौल बन गया है। भारत में एक बार फिर से विज्ञान के क्षेत्र में अपना झंडा गढ़ दिया है तथा साथ ही साथ सॉफ्ट लैंडिंग करते ही भारत में अंतरिक्ष अनुसंधान में एक नई ऊंचाई प्राप्त कर ली है।
Chandrayaan Team Mission सफल होते ही इसरो ने विश्व भर में अपने लगन और मेहनत का लोहा मनवा लिया है । वह सभी साइंटिस्ट जिन्होंने इस मिशन को सफल बनाने के लिए दिन-रात मेहनत की थी उन सबके लिए यह एक गर्व की बात है। वहीं आगामी पड़ाव में माना जा रहा है कि अब जल्द ही चंद्रयान-3 चंद्रमा पर विभिन्न रहस्य खोजने में खोजने में मदद करेगा और अधिक से अधिक जानकारी हासिल कर वैज्ञानिकों तक पहुंचाएगी। माना जा रहा है कि वैज्ञानिक दल चंद्रयान-3 के माध्यम से चंद्रमा की संरचना, चंद्रमा पर जलवायु, पानी की आपूर्ति तथा चंद्रमा पर अन्य महत्वपूर्ण खोज करने में सक्षम हो पाएगा।
भारतीय वैज्ञानिकों के लिए गर्व का क्षण
चंद्रमा पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत विश्व में चौथा देश बन गया है। चंद्रयान-3 के मिशन की सफलता भारतीय अनुसंधान केंद्र की एक महत्वपूर्ण सफलता में गिनी जा रही है और इसके साथ ही चंद्रमा पर अनुसंधान करने का एक नया अध्याय शुरू हो गया है। विश्व भर के वैज्ञानिक अब भारत की तरफ उम्मीद लगाए देख रहे हैं कि भारत चंद्रमा पर कौन-कौन से रिसर्च करेगा और किस प्रकार मानव जाति को इस रिसर्च से फायदा पहुंचेगा।
chandrayaan -3 के सफल मिशन की वजह से अब भारत को वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण अनुसंधानिक देश का दर्जा मिल गया है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में अब भारत अन्य देशों का नेतृत्व करेगा जिसमें चंद्रमा के छुपे हुए कई राज अब धीरे-धीरे सबके सामने आएंगे । चंद्रमा के दक्षिणी पोल पर लैंड करने वाला प्रथम देश भारत बन गया है और अब वह दक्षिणी पोल पर छिपे कई सारे रहस्य दुनिया के सामने लेकर आएगा जिससे वैज्ञानिकों को काफी सहायता मिलेगी । वहीं इस मिशन की सफलता के साथ भारत में अंतरराष्ट्रीय यात्रा में एक नए सफल युग की शुरुआत कर ली है। chandrayaan-3 mission के सफलता के साथ ही वैज्ञानिकों ने भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में नई ऊंचाई उपलब्ध करवा दी है।