Senior Citizen Concession: जैसा कि हम सब जानते हैं पिछले कुछ समय से रेलवे मिनिस्ट्री ने कोरोना महामारी में सीनियर सिटीजन को रेलवे किराए में दी जाने वाली कंसेशन को बंद कर दिया था। कोरोना महामारी तो समाप्त हो गई परंतु रेलवे विभाग ने अभी तक सीनियर सिटीजन के रेलवे किराए के कंसेशन को वापस बहाल नहीं किया है । परंतु पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर ऐसी कई खबरें वायरल हो रही है जिसमें यह बताया जा रहा है कि रेलवे ने सीनियर सिटीजन को किराए में मिलने वाली छूट को फिर से बहाल कर दिया है। जानकारी के लिए बता दे यह सारी खबरें पूरी तरह से फर्जी और झूठी है। भारतीय रेलवे मंत्री ने इस प्रकार का कोई बयान जारी नहीं किया है।
रेलवे नही करेगी Senior Citizen Concession बहाल
भारतीय रेलवे विभाग ने फिलहाल सीनियर सिटीजंस के रेलवे किराए के कंसेशन को बहाल करने का कोई फैसला नहीं लिया है । हालांकि कई सहकारी संगठन और विपक्षी दल केंद्र सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं कि सीनियर सिटीजंस को मिलने वाले इस कंसेशन को फिर से बहाल कर दिया जाए परंतु रेलवे किराए में फिलहाल इस छूट को बहाल करने का कोई फैसला नहीं लिया गया है। हालांकि पहले से ही रेलवे किराए में सब्सिडी दी जा रही है जिस पर अतिरिक्त छूट देना रेलवे के लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है।
Senior Citizen Concession: सीनियर सिटीजन को मिलेगा 50% तक का कंसेशन, यहां से जाने पूरी जनकारी
टिकट पर दी जा रही सब्सिडी
रेलवे कंसेशन की बात करें तो सीनियर सिटीजन के कोटा में मेल पैसेंजर जो 60 वर्ष से अधिक उम्र के थे उन्हें 40% तक का कंसेशन दिया जाता था। वहीं फीमेल पैसेंजर्स को 50% का कंसेशन रेलवे टिकट पर दिया जाता था । साल 2019-20 में सेंट्रल गवर्नमेंट ने लगभग 59, 837 करोड़ की सब्सिडी पैसेंजर्स की टिकट पर अलॉट की थी। कुल मिलाकर देखें तो सेंट्रल गवर्नमेंट पहले से ही 53% की सब्सिडी ट्रैवल एक्सपेंस के रूप में पैसेंजर्स को उपलब्ध करा रही है । वहीं स्पेशल कंसेशन के रूप में दिव्यांगजनों, छात्रों और मरीजों को भी ट्रैवलिंग कंसेशन दिए जाते हैं।
कोरोना रोकथाम के लिए बन्द किया गया था Senior Citizen Concession
वही बात करें सीनियर सिटीजन के कंसेशन की तो कोरोना के दौरान सीनियर सिटीजन के इस कंसेशन को कोरोना महामारी को रोकने के एक विकल्प के रूप में बंद कर दिया गया था जिससे रेलवे में सीनियर सिटीजन को ट्रैवल करने से रोका जा सके। मार्च 2020 में सीनियर सिटीजन को दी जाने वाली इस कंसेशन को रोक दिया गया था जिससे कि कोरोना महामारी पर रोकथाम लग सके । हालांकि इससे पहले सीनियर सिटीजन को 50% तक का कंसेशन दिया जाता था । कोरोना महामारी के रोकथाम के पश्चात भी इस कंसेशन को फिर से बहाल नहीं किया गया ।
कन्सेशन दिया तो रेलवे को होगा भारी नुकसान
हाल ही में जुलाई 2022 में पार्लियामेंट की एक मीटिंग में रेलवे मंत्री ने बताया कि सीनियर सिटीजन को दिए जाने वाले इस कंसेशन की वजह से रेलवे पर अत्यधिक भार पड़ रहा है। वही कोरोना के पश्चात रेलवे की टिकटों की बिक्री काफी कम हो गई थी जिससे कि रेलवे पहले से ही नुकसान झेल रहा था। ऐसे में सीनियर सिटीजंस को कंसेशन देने की वजह से रेलवे को और ज्यादा नुकसान होगा । रेलवे को होने वाले इस भारी नुकसान से बचाने के लिए तथा भविष्य में रेलवे विभाग को फायदा पहुंचाने हेतु फिलहाल सीनियर सिटीजन के कंसेशन को बहाल करने का सरकार कोई विचार नहीं कर रही है।
रेलवे मंत्री ने फर्जी खबरों का खिया खण्डन
हालांकि रेलवे मिनिस्टर द्वारा दिए गए इस बयान को नेशनल टीवी तथा मुख्य मीडिया और न्यूजपेपर पर प्रसारित किया गया था परंतु फिर भी सोशल मीडिया में कई ऐसी खबरें हैं जो लोगों में भ्रांतियां फैला रही है । सोशल मीडिया पर कई ऐसी खबरें वायरल है जिससे लोग गलत खबरों का शिकार हो जा रहे हैं । हाल ही में रेलवे को लेकर भी सोशल मीडिया पर एक खबर जारी की गई थी जिसमें बताया गया था कि सीनियर सिटीजन के कंसेशन को रेलवे फिर से बहाल करेगा परंतु जानकारी के लिए बता दें रेलवे मिनिस्टर ने फिलहाल ऐसा कोई बयान नहीं दिया है ।
सीनियर सिटीजन के पूरा किराया भरने से हो रहा रेलवे का रेवेन्यू
भारतीय रेलवे विभाग ने इस खबर का खंडन किया है जिसमें यह बताया गया है कि रेलवे फिलहाल सीनियर सिटिजन कंसेशन को फिर से बहाल नहीं करने वाली। सीनियर सिटीजंस को पहले की तरह ही रेलवे का पूरा किराया भरना होगा। बल्कि एक खबर की माने तो पिछले कुछ समय से सीनियर सिटीजन रेलवे का पूरा किराया भर रहे हैं जिससे कि पिछले फाइनेंशियल ईयर में रेलवे की सीनियर सिटीजन से टोटल रिवेन्यू 5562 करोड़ की हुई जिसमें एडिशनल वैल्यू 2,242 करोड़ की थी जो की सब्सिडी को हटाने के बाद हुई ।
वही साल 2020 से 2022 की बात करें तो सीनियर सिटीजन की टिकट से 3,464 करोड़ की रेवेन्यू हुई थी जिसकी तुलना में सीनियर सिटिजन कंसेशन बंद करने के बाद में रेलवे को रेवेन्यू ज्यादा मिला है। इस प्रकार रेलवे के बढ़ते फायदे को देखते हुए फिलहाल रेलवे सीनियर सिटीजन के कंसेशन को बहाल करने का कोई फैसला नहीं लेने वाला ।
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सुप्रीम कोर्ट ने भी मामला किया खारिज़
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी विभिन्न संगठनों की इस पिटीशन को खारिज कर दिया है जिसमें लोगों और संगठनों ने रेलवे पर कंसेशन शुरू करने का दबाव बनाया था । सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को आर्टिकल 32 का हवाला देते हुए खारिज कर दिया जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस बात का निर्णय केवल सरकार ही ले सकती है । यह सरकारी विभाग ही निर्धारित कर सकता है जिसमें देश की वित्तीय अवस्था को देखने के बाद सरकार यह निर्धारित करेगी कि सीनियर सिटीजन की कंसेशन को बहाल किया जाना चाहिए या नहीं।
भारतीय रेलवे विभाग ने फिलहाल सीनियर सिटीजन के कंसेशन को फिर से बहाल करने की कोई खबर जारी नहीं की है। भारतीय रेलवे गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को रेल किराए में छूट देता है ,वही दिव्यांग जनों को तथा छात्रों को रेल किराए में कंसेशन देता है। वही आने वाले समय में कहा जा रहा है कि बुजुर्ग और महिलाओं को अतिरिक्त किराया दिए बिना भी लोअर बर्थ प्राथमिकता के आधार पर दिया जाएगा कुल मिलाकर भारतीय रेलवे फिलहाल केवल रेलवे के फायदे तथा बेहतरीन सुविधा को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रहा है जिससे यात्रियों को असुविधा भी ना हो और रेलवे को भी नुकसान ना हो।